मेज़र कनिंघम की यह किताब भारत के वास्तविक इतिहास और भूगोल को समझने का अनमोल अवसर देती है। ह्वेनसांग और फाह्यान जैसे यात्रियों के दस्तावेज़ों के आधार पर मोर्यकालीन और बौद्ध कालीन स्थलों का अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। इस डिजिटल संस्करण में यह किताब 343 पृष्ठ की है और PDF तथा ePub फॉर्मेट में उपलब्ध है। खरीदारी के तुरंत बाद आप इसे इंस्टेंट डाउनलोड कर सकते हैं और अपने ईमेल पर एक कॉपी भी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आप इसे किसी भी डिवाइस पर तुरंत पढ़ सकते हैं।